कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गाँधी ने प्रधानमन्त्री मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की इस लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए कई अहम सुझाव दिया है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर से चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है. रोजाना 4 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहें हैं. मौत का आकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. यही नहीं शमशान घाटों से आने वाले तस्वीर भयावह है और जो ग्राउंड रिपोर्टिंग हो रही है उसकी माने तो सरकार मौत के आंकड़ों पर पर्दा भी डालने की कोशिश कर रही है. कोरोना की चैन को तोडना अब बहुत जरुरी हो गया है, मगर सरकार अभी तक दिशाहीन नज़र आ रही है. राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रही है. पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ख़ुद वेंटीलेटर पर चली गई है. ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेड की कमी, महत्वपूर्ण दवाओं का न मिलना, वैक्सीन की कमी ये सारी चीजें सरकारी इन्तेज़ामात की पोल खोल रही है. केंद्र के ढुलमुल रवैये का नतीजा ही है ये दूसरी लहर.
I urge you to do everything in your power to stop the needless suffering that our people are going through.
— RGians (@WeAreRGians) May 7, 2021
- @RahulGandhi writes to PM Modi on #COVIDSecondWavepic.twitter.com/POCJ2yKvH2
इस लहर के प्रकोप के बिच राहुल गाँधी ने पीएम को पत्र लिखकर कई अहम सुझाव दिए हैं. देखना दिलचस्प होगा कि क्या हमारे पीएम राजनितिक भावना से ऊपर उठ देश हित में राहुल गाँधी के दिए सुझाओं को मानेंगे? क्यूंकि राहुल गाँधी के पिछले सुझाओं को न मानकर मोदी एक बार पहले ही ये गलती कर चुके हैं.
राहुल गाँधी के पत्र में ये सुझाव मुख्य रूप से हैं:
- अपने सारी शक्तियों का इस्तेमाल कर इस पीड़ा को रोकने का काम किया जाना चाहिए जिससे देशवासी अभी गुजर रहे हैं.
- वायरस के बदलते स्वभाव का साइंटिफिक अध्यन किया जाए, इसके बदलते म्युटेंट को जेनोमिक स्टडीज के द्वारा समझा जाए और बाकी दुनिया के साथ इसे साझा किया जाए. ताकि भविष्य में होने वाले इस वायरस के बदलाव को रोकने की तैयारी की जा सके.
- भारत में लागाई जा रही तमाम वैक्सीन की क्षमता पर रिसर्च हो, इसे तत्काल रूप से शुरू किया जाना चाहिए.
- देश के पूरे आबादी को वैक्सीन लगाईं जानी चाहिए और ये काम काफी तेज गति से कम समय में किया जाना चाहिए.
- पूरे कामों में पारदर्शिता बरती जाए, दुनिया से भी कुछ न छुपाया जाए.
- आपके सरकार की गलतियों से ये वायरस इस हद तक फैला है, भविष्य में ऐसी गलती फिर न हो ये सुनिश्चित किया जाए.
- वायरस के चैन को तोड़ने का एकमात्र उपाय अब बस पूर्ण तालाबंदी नज़र आ रही है. अगर पूर्ण तालाबंदी होती है तो फिर देश के पिछड़े वर्ग के लोगों को तत्काल रूप से आर्थिक मदद दी जाए. पिछली बार आपकी सरकार ने ये सुझाव नहीं माना था जिसका नतीजा हमने देखा था कि हमारे गरीब भाई बहनों को कितनी तकलीफ से गुजरना पड़ा था.
- प्रवासी मजदूरों के लिए ऐसी स्तिथि में घर जाने की प्रॉपर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
राहुल गाँधी के पत्र के तमाम सुझाव ऐसे हैं जिनपर मोदी सरकार को तुरंत काम करना चाहिए अब देखना ये है कि सरकार किन किन बातों को मानती है.