दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान आज काला दिवस मनाने वाले हैं. देश का अन्नदाता पिछले 6 महीने से देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर आन्दोलन कर रहें हैं मगर अब तक सरकार किसानों को मनाने में सफल नहीं हो पाई है. लगभग इन 6 महीनों में देश में बहुत कुछ बदल गया, कई मौसम बदल गए मगर हर तरह की परेशानियों के बिच लाखों किसान अपनी मांगों को लेकर बॉर्डर पर डटें रहें. सरकार की विफ़लता ऐसी कि सरकार देश के किसानों को इन 6 महीनों में मना नहीं पाई. अब तक 11 दौरों को बातचीत हो चुकी है मगर ये सारे बेनतीजा रहें. जहाँ किसान लगातार मांग रहें हैं कि केंद्र तीनों कृषि कानूनों को वापस ले वहीं सरकार ये मांगे मानने को तैयार हीं नहीं है. कोरोना महामारी के इस भयावह दौर में सरकार के ये कारनामा ऐसा है जिसकी जितनी आलोचना की जाए वो कम है. देश का किसान देश को अन्न दे रहा है उपजा कर, एक कृषि प्रधान देश के रूप में भारत में अन्नदाता का स्थान हमेशा से बेहद उच्चा रहा है मगर आज जो भी देश के किसानों के साथ हो रहा है वो बहुत गलत है.
आन्दोलन के 6 महीने पुरे हो चुके हैं. मगर किसान अभी भी नहीं थके है और अपनी उसी बात पर कायम है कि जबतक इस संघर्ष में उनकी जीत नहीं होती वो पीछे नहीं हटेंगे. किसानों ने आज ऐलान किया है कि वे पूरे देश में आज काला दिवस मना रहे हैं. मुख्य विपक्षी दलों ने भी किसानों के इस आवाहन का साथ देते हुए संयुक्त रूप से बयान जारी किया है.