मध्य प्रदेश में कोरोना के मामलों में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है. कोरोना मरीजों की बढती संख्या ने स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत जगजाहिर कर दी है. कोरोना महामारी के बिच जिस तरह सरकार ने जनता से मुहं फेर लिया ऐसे दौर में मध्य प्रदेश के एक गाँव ने आत्मनिर्भरता की मिशाल पेश की है. मध्य प्रदेश के एक गावं "लालबर्रा" में एक बेटी कोरोना संक्रमित हुई थी. इलाज के लिए परिजन उसे शहर ले गए मगर वहाँ भी इलाज न हो सका. परेशान गाँव वालों ने कुछ ऐसा किया जिसने सरकारी तंत्र को ठेंगा दिखा दिया.
लालबर्रा के निवासियों ने आपस में मिलकर चंदा जुटाया. सबने बढ़ चढ़ कर चंदा दिया. गाँव वालों ने मिलकर अपने जमा किये गए पैसों के बदौलत गाँव के अन्दर ही 30 बेड वाला COVID अस्पताल खोल लिया. इस अस्पताल में ऑक्सीजन समेत सारी सुविधा का ध्यान बखूबी रखा गया है. अभी ये अस्पताल सरकारी गर्ल्स छात्रावास में चल रहा है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी अनुमति दे दी है. गाँव वालों ने 12 लाख रुपये जमा किये थे जिसमे से अभी तक 8 लाख रुपये खर्च किये जा चुके है. शुरुवाती लक्षण दिखने के बाद हीं गाँव वाले यहाँ भारती हो जाते हैं. अभी तक इस अस्पताल के जरिये 105 लोग ठीक होकर अपने अपने घर लौट चुके हैं.